Royal Bengal Tiger को पकड़ने के लिए जीनत के Urine का हो रहा उपयोग

Royal Bengal Tiger को पकड़ने के लिए जीनत के Urine का हो रहा उपयोग
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रॉयल बंगाल टाइगर का प्रतिक फोटो
अब तक पकड़ में नहीं आया है रायल बंगाल टाइगर
पुरुलिया : पहले जीनत नाम की बाघिन ने वन विभाग को परेशान किया और रायल बंगाल टाइगर ने वन विभाग के कर्मियों को परेशान कर रखा है। वहीं वन विभाग उसे पकड़ने के लिए हर वो तरीका अपना रहा है, जिससे उसे जल्द से जल्द पकड़ा जा सके। अब उसे आकर्षित करने के लिए वन विभाग ने नई योजना पर कार्य करना प्रारंभ कर दिया है। अब जीनत के पेशाब (यूरिन) को मंगाया गया है।
जीनत के रास्ते पर चल रहा बाध
बता दें कि वन विभाग के अधिकारियों का आंकलन है कि रायल बंगाल टाइगर जीनत बाघिन के रास्ते पर ही चल रहा है। वह जिस तरफ से गुजरी है, वह भी उसी रास्ते का अनुसरण कर रहा है। वन विभाग इसका अर्थ लगा रहा है कि वह जीनत की गंध को ही सहारा बना रहा है। इसे देखते हुए वन विभाग ने उसे पकड़ने के लिए नया उपाय निकाला है। बता दें कि विभाग ने अब तक बकरी, सूअर का मांस पंजरे में रख कर कोशिश कर ली पर उसमें विभाग को कामयाबी नहीं मिली है। इसलिए अब बाघिन जीनत के पेशाब को मंगवाया है। उसे तीन अलग-अलग इलाके में पिंजरा रख वहां छिड़का जा रहा है। विभाग को उम्मीद है कि इससे बाघ को आकर्षित किया जा सकेगा।
फिर दिखा रायल बंगाल टाइगर
शुक्रवार शाम करीब साढ़े सात बजे कुइलापाल-बंदोवान रोड पर नेकरा गांव के पास एक और बाघ देखा गया। स्थानीय मोटर साइकिल सवार युधिष्ठिर महतो तलपत से जानीझोर जा रहा था। उसी समय बाघ उनकी मोटर साइकिल से 5-6 फीट दूर सड़क पार कर गया। जनिझोर गांव निवासी युधिष्ठिर महतो के अनुसार उसने सामने से रायल बंगाल टाइगर को जाते देखा है। उसके बयान के आधार पर वन विभाग ने पड़ताल की तो वह सच निकला है। वन विभाग को उस उस इलाके में बाघ के पैरों के निशान मिले हैं।

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