Digital Rupee CBDC: डिजिटल मुद्रा पर चल रहा है सक्रियता से काम

Digital Rupee CBDC: डिजिटल मुद्रा पर चल रहा है सक्रियता से काम
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नयी दिल्लीः डिजिटल मुद्रा को बेहतर बनाने के लिए केंद्र सरकार सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) प्रयासों में है। ताकि इसका उपयोग सीमापार भुगतान के लिए किया जा सके। गुरुवार(24 जनवरी) को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह बात कही। इससे कई तरह के फायदे होंगे।

लागत में कमी

वित्त मंत्री ने कहा कि यह लागत में कमी लाने के साथ भुगतान में तेजी लाने में मदद करता है। इससे पैसा बाहर भेजने या देश में लाने की लागत में कमी आती है।

उभरते क्षेत्र

उन्होंने कहा कि विनिर्माण क्षेत्र में, सरकार ने नवीकरणीय ऊर्जा, सेमीकंडक्टर, मशीन लर्निंग, पृथ्वी विज्ञान और अंतरिक्ष सहित 13 उभरते क्षेत्रों की पहचान की है।

क्या है स्थिति ?

RBI ने पायलट आधार पर थोक CBDC शुरू किया है। इसके लिए 9 बैंकों को चुना गया है। इनमें भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, HDFC बैंक, ICICI बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, IDFC फर्स्ट बैंक और HSBC बैंक को चुना गया है। इसके अलावा, RBI ने खुदरा लेन-देन के लिए एक दिसंबर, 2022 को पायलट आधार पर CBDC या ई-रुपया शुरू किया। ई-रुपया एक डिजिटल टोकन के रूप में है जो कानूनी रूप से वैध मुद्रा का प्रतिनिधित्व करता है।

इसे कागजी मुद्रा और सिक्कों के समान मूल्यवर्ग में जारी किया जा रहा है। इसे बैंकों के माध्यम से वितरित किया जा रहा है। उपयोगकर्ता पायलट परियोजना में शामिल बैंकों द्वारा पेश डिजिटल वॉलेट के माध्यम से ई-रुपये से लेनदेन कर सकते हैं। सीतारमण ने कहा कि हमें पूरा विश्वास है कि यह सीमापार भुगतान में मदद करेगा। यह अधिक पारदर्शिता लाएगा।

प्राथमिकताः भारत को 'विकसित देश' बनाने के लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हमारा ध्यान विनिर्माण और कृषि पर होगा। कृषि ने अपनी प्रधानता बरकरार रखी है और हम फसल कटाई के बाद की गतिविधियों आदि को आधुनिक बनाकर कृषि को मजबूत करने पर विचार कर रहे हैं।

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