

नयी दिल्लीः सरकार ने केंद्रीय बजट 2025-26 में ‘मेक इन इंडिया’ पहल को और बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन स्थापित करने की घोषणा की। इस मिशन के तहत पांच प्रमुख क्षेत्रों में कारोबार सुगमता व किफायत; मांग वाले क्षेत्रों में नौकरियों के लिए भविष्य के लिए तैयार कार्यबल; एक जीवंत व गतिशील एमएसएमई क्षेत्र; प्रौद्योगिकी की उपलब्धता और गुणवत्ता वाले उत्पाद शामिल होंगे।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि इस योजना के तहत सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्योग (एमएसएमई) शामिल होंगे।राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन केंद्रीय मंत्रालयों तथा राज्यों के लिए नीतिगत समर्थन, प्रशासन और निगरानी ढांचा उपलब्ध कराएगा। उन्होंने कहा कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं के साथ हमारी अर्थव्यवस्था के एकीकरण के लिए घरेलू विनिर्माण क्षमता विकसित करने को सहायता प्रदान की जाएगी।
क्षेत्रों की पहचान वस्तुनिष्ठ मानदंडों के आधार पर की जाएगी। चुनिंदा उत्पादों व आपूर्ति श्रृंखला के लिए वरिष्ठ अधिकारियों और उद्योग प्रतिनिधियों की भागीदारी के साथ सुविधा समूह बनाए जाएंगे। सीतारमण ने कहा कि उद्योग 4.0 से जुड़े कई अवसर हैं, जिसके लिए उच्च कौशल व प्रतिभा की आवश्यकता है। हमारे युवाओं के पास दोनों ही हैं। हमारी सरकार युवाओं के लाभ के लिए इस अवसर का लाभ उठाने के लिए घरेलू इलेक्ट्रॉनिक उपकरण उद्योग का समर्थन करेगी।