देश में डीपफेक मामले पर यूट्यूब ने तोड़ी चुप्पी, दिया ये बयान

देश में डीपफेक मामले पर यूट्यूब ने तोड़ी चुप्पी, दिया ये बयान
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नयी दिल्ली : यूट्यूब के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि डीपफेक वीडियो कंपनी के हित में नहीं हैं, क्योंकि कोई भी संबंधित पक्ष खुद को उन मंचों से नहीं जोड़ना चाहता, जो फर्जी समाचार या गलत सूचना देने की छूट देते हैं। भारत में यूट्यूब के निदेशक ईशान जॉन चटर्जी ने गुरूवार को कहा कि कंपनी सभी स्थानीय कानूनों का अनुपालन करती है और सभी उभरते मुद्दों पर सरकार के साथ है। उन्होंने कहा 'मैं यह दोहराना चाहता हूं कि आमतौर पर गलत सूचना और एआई के जरिए बने डीपफेक हमारे हित में बिल्कुल भी नहीं है। एक मंच के रूप में, अगर हम तीन व्यापक हितधारकों – उपयोगकर्ता या दर्शक, निर्माता और विज्ञापनदाता की बात करें तो इनमें से कोई भी ऐसे मंच से जुड़ना नहीं चाहता जो फर्जी समाचार या गलत सूचना देने की छूट देता हो।

'भारत सरकार के साथ यूट्यूब के हित मेल खाते हैं'

उन्होंने कहा कि यूट्यूब के हित सरकार और प्रमुख हितधारकों के साथ पूरी तरह मेल खाते हैं, जिनका समाधान करना है। चटर्जी ने कहा 'हम सभी स्थानीय कानूनों का अनुपालन करते हैं और उभरते मुद्दों पर सरकार और उद्योग हितधारकों के साथ जुड़े हुए हैं।' बता दें क‌ि वह केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर की उस टिप्पणी से संबंधित एक सवाल का जवाब दे रहे थे कि सोशल मीडिया मंचों ने अक्टूबर 2022 में अधिसूचित नए आईटी नियमों के अनुसार अपनी उपयोग की शर्तों को तैयार नहीं किया है। यूट्यूब के निदेशक और वैश्विक उत्तरदायित्व प्रमुख टिमोथी काट्ज ने कहा कि कंपनी ऐसी सामग्री को हटा देती है, जो नीति का अनुपालन नहीं करती है और वित्तीय मामलों या चुनाव आदि को प्रभावित करने वाली सामग्री के मामले में विश्वसनीय स्रोतों से वीडियो देखने की सिफारिश की जाती है। यूट्यूब ने इसके लिए टूल विकसित किए हैं।

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