Durga Puja 2023 : City Of Joy के इन पूजा पंडालों में इस बार महिला पुजारी करेंगी …

गूगल से साभार
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कोलकाता : देवी शक्ति दुर्गा की आराधना पूरी दुनिया में धुमधाम से की जाती है। कोलकाता में दुर्गा पूजा का खास महत्व है। यहां पूजा के दौरान मां की आराधना के साथ शहर में 24 घंटे चहल-पहल रहती है। इस नवरात्रि पर कोलकाता में कुल 4 पूजा समितियों में महिला पुजारी नजर आएंगी। पूजा में महिलाएं ही मां की पूजा-अर्चना करेंगी।
66 पल्ली ने शुरू की थी पहल
दक्षिण कोलकाता की प्रसिद्ध दुर्गा पूजा समिति 66 पल्ली ने महिला पुजारियों की नियुक्ति में अग्रणी भूमिका निभाई है। 2021 में समिति ने नंदिनी भौमिक, रूमा रॉय, सेमंती बंद्योपाध्याय और पॉलमी चक्रवर्ती को पुजारी नियुक्त किया था। इस साल भी महिला पुजारी पूजा समिति द्वारा आयोजित खूंटी पूजा में नजर आईं। पिछले साल मौबनी चटर्जी की पूजा के लिए महिलाओं को भी आमंत्रित किया गया था। साल्टलेक एजी ब्लॉक की एक पूजा समिति ने लैंगिक असमानता को खत्म करने के लिए इस साल महिला पुजारियों को आमंत्रित करने का भी फैसला किया है।
महिलाएं पुरोहित करेंगी देवी की आराधना
66 पल्ली पूजा समिति के पदाधिकारी प्रद्युम्न मुखोपाध्याय ने कहा मैंने नंदिनी भौमिक को आमंत्रित किया है वह करीब डेढ़ दशक से महिलाओं को दुर्गा पूजा करने की अनुमति देने की मांग कर रही थीं। उन्हें आमंत्रित करने के बाद मैं यह देखकर अभिभूत हूं कि उन्हें अन्य पूजाओं के लिए भी बुलाया जा रहा है। पिछले साल भी नंदिनी ने 66 पल्ली की पूजा की थी। वहीं, उनकी 2 अन्य टीमों ने न्यूटाउन और मौबनी चटर्जी के घर पर पूजा की थी। नंदिनी भौमिक ने कहा कि उन्हें चिंता है कि लोग इसे स्वीकार करेंगे या नहीं लेकिन बाद में उन्हें लोगों का भारी समर्थन और प्रोत्साहन मिला। उन्होंने कहा हमारा कोई मुख्य पुजारी नहीं है हम अनुष्ठानों का अर्थ समझाने और प्राचीन परंपराओं को बनाए रखते हुए उन्हें कैसे संचालित किया जाए, यह समझाने का प्रयास करते हैं।
कोई जन्म से नहीं हो सकता है ब्राह्मण
उनके अनुसार, कोई जन्म से ब्राह्मण नहीं हो सकता उसे विभिन्न गुण प्राप्त करके ब्राह्मण बनना पड़ता है। महानगर और विभिन्न जिलों में शारदोत्सव की खूंटी पूजा पहले ही शुरू हो चुकी है। साथ ही थीम को कहीं प्रकाशित भी किया जा रहा। दुर्गा पूजा समितियां नवीन विषयों और विचारों के माध्यम से आगंतुकों का दिल जीतने के प्रयासों में कोई कोताही नहीं बरत रही है। इस साल महिला पुजारी 66 पल्ली की पूजा का विशेष आकर्षण होगी। पूजा आयोजकों को उम्मीद है कि पिछले दो साल की तरह इस बार भी लोग इस पहल को स्वीकार करेंगे और लोग अधिक से अधिक संख्या में पूजा देखने के लिए आएंगे।

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