लंबे समय से प्रतीक्षित शिपिंग उद्योग को प्रोत्साहन मिला
रमेश सरावगी, डायरेक्टर, सरावगी उद्योग प्राइवेट लिमिटेड : पहली बार बड़े छूट मिलने से जनता के हाथों में अधिक पैसा रहेगा। इससे खर्च की क्षमता बढ़ेगी, जो आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा। यह सरकार की "व्यवसाय करने में आसानी" के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इससे व्यापारियों और छोटे व्यवसायों को राहत मिलेगी। शिपिंग क्षेत्र को बढ़ावा देने से भारतीय व्यापारिक गतिविधियों में और भी वृद्धि होगी, जो वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा को बेहतर बनाएगा।छोटे और मझोले उद्योगों को पहचान और समर्थन मिलना आर्थिक विकास में उनके योगदान को मजबूत करेगा। कुल मिलाकर, यह एक विकास-प्रेरित और संतुलित बजट है, जो सभी सेक्टरों को प्रोत्साहन देता है और समग्र अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए एक ठोस आधार तैयार करता है।
अंतरराष्ट्रीय यात्रा को और भी सुगम बनाएगा बजट
अंजनी धानुका, ट्रैवेल एजेंट्स एसोसियेशन ऑफ इंडिया के पूर्वी अध्यक्ष व एयरकॉम ट्रैवेल्स के चेयरमैन: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जो कदम उठाए हैं, वे न केवल भारत के भीतर पर्यटन को बढ़ावा देंगे, बल्कि अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए भी आकर्षक होंगे। नए पर्यटन स्थलों के जीर्णोद्धार और इंफ्रास्ट्रक्चर के सुधार से न केवल पर्यटकों के अनुभव में सुधार होगा, बल्कि स्थानीय समुदायों को भी इसका फायदा होगा। इसके अलावा, ई-वीसा की सुविधा और टीसीएस की सीमा में बढ़ोतरी निश्चित रूप से अंतरराष्ट्रीय यात्रा को और भी सुगम बनाएगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का "देखो अपना देश" अभियान भी अब अधिक प्रभावी तरीके से आगे बढ़ेगा, क्योंकि यह भारतवासियों को अपने देश की खूबसूरती और विविधता को पहचानने के लिए प्रेरित करता है। कुल मिलाकर यह बजट पर्यटन और यात्रा क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
बजट 2025 भारत को विकसित बनाने के लिए एक प्रगतिशील रणनीति है
अनुराग चौधरी, संस्थापक, सीएमडी व सीईओ, हिमाद्री स्पेशलिटी केमिकल लिमिटेड : "बजट 2025 एक प्रगतिशील और रणनीतिक खाका है, जो सरकार की नवाचार के प्रति प्रतिबद्धता और विकसित भारत के दृष्टिकोण को दर्शाता है। लिथियम-आयन बैटरी (एलआईबी) स्क्रैप पर पूरी तरह से कस्टम ड्यूटी छूट देने का प्रस्ताव, साथ ही साथ महत्वपूर्ण खनिजों जैसे लीड और जिंक पर यह एक परिवर्तनकारी नीति है। इन उपायों से एलआईबी कंपोनेंट निर्माण को भारत में और अधिक स्थानीयकरण मिलेगा, जो सरकार के 'मेक इन इंडिया' मिशन में योगदान करेगा। ईवी बैटरी निर्माण के लिए 35 और मोबाइल फोन बैटरी निर्माण के लिए 28 पूंजीगत वस्तुओं को कस्टम टैक्स छूट के पात्र पूंजीगत वस्तुओं की सूची में शामिल करना भारत के घरेलू लिथियम-आयन बैटरी उत्पादन क्षमताओं को मजबूत करने की दिशा में एक निर्णायक कदम है। बजट में क्लीन टेक निर्माण, विशेष रूप से ईवी बैटरियों पर जोर, और 20,000 करोड़ की राशि का निजी क्षेत्र द्वारा अनुसंधान और विकास और नवाचार पहल के लिए आवंटन एक अत्यंत आवश्यक कदम है।
5 साल के लिए कॉटन मिशन से बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा
प्रदीप तोदी, एमडी, लक्स इंडस्ट्रीज : 5 साल के लिए कॉटन मिशन के ऐलान से उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ावा मिलेगा। वर्तमान में भारत में कपास की कोई अधिशेष उपलब्धता नहीं है, और यहां की उपज दर भी वैश्विक औसत 800 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर के मुकाबले 450 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर के आसपास है। यह कदम कपास आधारित उद्योगों को एक बड़ा प्रोत्साहन देगा, जिससे उत्पादन क्षमता में वृद्धि होगी। अब सभी निटेड फैब्रिक एचएस कोड्स पर फ्लैट 20% या रुपये 115 प्रति केजी का आयात शुल्क लागू किया गया है, जो भी अधिक हो। इसका मतलब है कि रुपये 575/केजी से कम कीमत वाले फैब्रिक्स पर रुपये 115/केजी आयात शुल्क लगेगा। यह कदम कम मूल्य वाले, अवमूल्यित फैब्रिक्स के देश में प्रवेश को रोकेगा, और घरेलू उद्योग को सुरक्षित करेगा। यह बजट कपास आधारित उद्योगों और वस्त्र उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कई मजबूत कदम उठा रहा है।
उद्योगों को सशक्त और रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे
सीए पवन टिबरेवाला, उद्योगपति : यह सच में बहुत सकारात्मक दृष्टिकोण है। मध्यमवर्गीय उद्योगों के लिए यह बजट वाकई में मददगार साबित हो सकता है। इंफ्रास्ट्रक्चर, कौशल विकास और रोजगार के लिए अलग से फंड आवंटित करना सरकार का एक बहुत ही समझदारी भरा कदम है, क्योंकि इससे न केवल उद्योगों को सशक्त किया जाएगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे। ग्रामीण विकास, कौशल विकास और आवास के लिए विशेष बजट आवंटन से समाज के हर वर्ग को फायदा मिलेगा, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों और कमजोर वर्गों को। इसके अलावा, ट्रेडिंग नुकसान को तीन साल तक आगे कैरी फार्वर्ड करने की सुविधा उद्योगों के लिए राहत देने वाली है, क्योंकि यह व्यापार में आने वाली अस्थिरताओं को मैनेज करने में मदद करेगा।
विकास और समावेशिता पर केंद्रित बजट
अभिषेक पोद्दार, डायरेक्टर, गंगेज जूट प्राइवेट लिमिटेड : आम बजट का मुख्य फोकस विकास और समावेशिता पर रहा है। यह एक समावेशी बजट है, जिसमें गरीबों, महिलाओं और युवाओं के उत्थान पर विशेष ध्यान दिया गया है। ग्रामीण विकास, उपलब्ध आय को बढ़ाने और निर्माण क्षेत्र को मजबूत करने पर जोर दिया गया है। इसके अलावा, निर्यात को प्रोत्साहन देने और आयात को सरल बनाने के लिए टैरिफ स्लैब में कटौती की गई है, जिससे व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। यह बजट अर्थव्यवस्था को तेजी से आगे बढ़ाने और सभी वर्गों के संतुलित विकास को सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया है।
यह बजट पिछले कई वर्षों में से एक बेहतरीन बजट कहा जा सकता है
रवि मोदी, चेयरमैन एंड मैनेजिंग डायरेक्टर, वेदांत फैशन्स लिमिटेड : सरकार ने आखिरकार मध्यमवर्ग को 1 लाख करोड़ रुपये की महत्वपूर्ण राहत दी है, जिसे पिछले कई वर्षों से अनदेखा किया जाता रहा था। यह कदम एक बहुत ही प्रगतिशील कदम है, क्योंकि 12 लाख रुपये तक की आय को पूरी तरह से छूट दी गई है। इससे न केवल उपभोक्ता खपत को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि एक बड़े वर्ग को जरूरी राहत भी मिलेगी। सीधे करों में कमी करने के बावजूद, सरकार ने वित्तीय घाटे को 4.8% पर बनाए रखने में जो समझदारी दिखाई है, वह प्रशंसा के योग्य है, और अगले साल के लिए इसे 4.4% तक घटाने का मार्गदर्शन दिया है। इससे देश की क्रेडिट रेटिंग में सुधार होगा और हमारे उधारी के खर्च में भी कमी आएगी।