Bengal : खुद मर कर उस गरीब के बेटे ने दिया 5 लोगों को नया जीवन

Bengal : खुद मर कर उस गरीब के बेटे ने दिया 5 लोगों को नया जीवन
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कोलकाता : मौत के बावजूद एक किशोर ने 5 लोगों को नया जीवन दिया। 2025 के पहले अंगदान में ऑर्गन फेल्योर से लड़ रहे 5 लोगों को दीपक कुमार यादव ने जीवन की उम्मीद दी है। 15 साल के किशोर का हार्ट, लंग्स, लीवर और दोनों किडनियों को शनिवार को कोलकाता के 3 अलग-अलग अस्पतालाें के 5 मरीजाें में ट्रांसप्लांट किया गया। कांकुड़गाछी में कादापाड़ा के रहने वाले कक्षा 9 के स्टूडेंट दीपक के पिता एक ड्राइवर हैं। गत 30 दिसम्बर को दीपक एक सड़क हादसे का शिकार हो गया था जिसके बाद उसका परिवार उसके इलाज के लिए एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल भागता रहा। हालांकि ऊंचाई से गिरने के कारण उसे सिर पर गंभीर चोटें आयी थीं। पास ही एक निजी अस्पताल था, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण परिवार दीपक को लेकर एनआरएस अस्पताल में गया। दीपक के एक परिजन ने बताया कि सरकारी अस्पताल में बेड खाली नहीं होने के कारण उसे दूसरे अस्पताल में ले जाने को कहा गया। इसके बाद परिवार एक नर्सिंग होम में गया, लेकिन वहां भी बेड नहीं मिला। इसके बाद उसे अपोलो अस्पताल में ले जाया गया। हालांकि उस समय तक गोल्डन पीरियड का काफी समय गुजर चुका था।
अपोलो में डॉक्टरों ने तुरंत इलाज चालू कर दिया, लेकिन हमें पहले ही सतर्क कर दिया गया कि उसके बचने का केवल 1% ही चांस है। नये साल की पूर्व संध्या पर डॉक्टरों ने सिर की चोट के लिए एक सर्जरी भी की, लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद परिवार को सूचित किया गया कि दीपक को बचाया नहीं जा सका है। ब्रेन डेथ की पुष्टि के लिए एक एप्निया टेस्ट किया गया और 2 टेस्ट के बाद ब्रेन डेथ की पुष्टि की गयी।
जब अस्पताल ने अंगदान के लिए संपर्क किया तो इसके लिए परिवार तुरंत राजी हो गया। रोट्टो (ईस्ट) को इस बारे में सूचित कया गया और शुक्रवार की रात अंगदान का समय निर्धारित किया गया। परिवार के एक व्यक्ति ने कहा, 'हम काफी मुश्किलों से गुजर-बसर करते हैं। तीन भाई-बहनों में दीपक सबसे छोटा था। हमनेे सोचा कि अगर दीपक के अंग किसी का जीवन बचा सकते हैं तो इसी के माध्यम से दीपक दूसरों में जिंदा रहेगा।' दीपक के महत्वपूर्ण अंगों को शनिवार की सुबह पांच प्राप्तकर्ताओं में प्रत्यारोपित किया गया जिनमें तीन महिलाएं और दो पुरुष हैं। यहां उल्लेखनीय है कि 2024 में, शहर में 14 मृतक अंग दान हुए थे। चूंकि इस साल पहला दान जल्दी शुरू हुआ, इसलिए अंग दान में शामिल लोगों की संख्या इस साल बढ़ने की उम्मीद है।

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