राजस्थान सरकार के साथ बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने किये समझौते

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जयपुर : राजस्थान सरकार की विभिन्न ढांचागत परियोजनाओं को ऋण मुहैया कराने के लिए बैंक ऑफ बड़ौदा और बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने सोमवार को समझौते किये। सार्वजनिक क्षेत्र के दोनों बैंकों ने यहां राज्य सरकार के साथ ऋण वितरण संबंधी समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये। एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, एमओयू के तहत बैंक ऑफ बड़ौदा अगले 6 वर्षों यानी 31 मार्च, 2030 तक सालाना 20,000 करोड़ रुपये का ऋण प्रदान करेगा। इसके अलावा बैंक ऑफ महाराष्ट्र भी प्रति वर्ष 10 हजार करोड़ रुपये का ऋण उपलब्ध कराएगा। यह धनराशि राजस्थान सरकार की विभिन्न परियोजनाओं, विशेषकर आधारभूत ढांचा क्षेत्र जैसे बिजली एवं नवीकरणीय ऊर्जा, सड़क, पेयजल और स्वच्छता के लिए उपयोग की जाएगी।

विकसित राजस्थान 2047

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार ने अमृत कालखंड- 'विकसित राजस्थान 2047' के तहत 5 वर्षों की कार्य योजना बनाकर 'सर्वजन हिताय' आधारित समावेशी विकास का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि इस कार्य योजना के तहत भविष्य के लिए 10 संकल्प निर्धारित किये गये हैं। इन संकल्पों में बुनियादी ढांचे का विकास और प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 350 अरब डॉलर पर पहुंचाना भी शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, ये हमारे लिए गर्व का विषय है कि बैंक ऑफ बड़ौदा और बैंक ऑफ महाराष्ट्र जैसे देश के प्रतिष्ठित बैंक अब राजस्थान की विकास यात्रा में भागीदार बनने जा रहे हैं।

शर्मा ने कहा कि राज्य का आधारभूत ढांचा मजबूत करने की दिशा में इन दोनों बैंकों का यह सहयोग एक बड़ा कदम है। यह समझौता बुनियादी ढांचे की मजबूती में एक मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा, आज की साझेदारी राज्य के विकास और जनकल्याण की दिशा में नये आयाम स्थापित करेगी तथा विकसित भारत 2047 एवं विकसित राजस्थान 2047 की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।

इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री (वित्त) दीया कुमारी ने कहा कि राज्य सरकार राजस्थान के बुनियादी ढांचे में भारी निवेश की परिकल्पना के साथ कार्य कर रही हैं। एमओयू पर हस्ताक्षर के समय मुख्य सचिव सुधांश पंत, अतिरिक्त मुख्य सचिव (वित्त) अखिल अरोड़ा, बैंक ऑफ बड़ौदा के प्रबंध निदेशक देवदत्त चंद कार्यकारी निदेशक ललित त्यागी और बैंक ऑफ महाराष्ट्र के कार्यकारी निदेशक रोहित ऋषि भी मौजूद थे।

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