

कोलकाता : कुत्ता काटने के मामले आए दिन हमारे सामने आते रहते हैं। हाल ही में एक मामला सामने आया जहां, एक बच्चे की कुत्ता काटने के बाद मौत हो गई। मामला परेशान करने वाला इसलिए भी है कि बच्चे को कुत्ता लगभग 1 महीने पहले काटा, उसने इंजेक्शन नहीं लिया और फिर रेबीज की वजह से उस बच्चे की दर्दनाक मौत हुई। इस मामले से हमें समझना होगा कि कुत्ता काटने के बाद हमें किन बातों का ख्याल रखना चाहिए और क्या करें और क्या नहीं।
जब भी कुत्ता काटे तो सबसे पहले जिस स्थान पर कुत्ते ने काटा है वहां तुरंत जीवाणुरहित पट्टी लपेटें। घाव पर अच्छे से पट्टी बांध दें और फिर उसके बाद तुरंत नजदीकी डॉक्टर को दिखाएं।
अगर कभी भी कुत्ता काट ले तो रैबीज से बचने के लिए फर्स्ट एड के तौर पर आपको उसे घाव को 15 मिनट तक धोना चाहिए और फिर वहां पट्टी बांध देनी चाहिए उसके बाद तुरंत नजदीकी डॉक्टर से दिखाना चाहिए।
इस सिचुएशन में घरेलू उपाय करना खतरनाक हो सकता है। किसी भी प्रकार के नीम हकीम या फिर घरेलू उपाय के चक्कर में ना पड़कर आपको जल्द से जल्द डॉक्टर से दिखाना चाहिए।
अगर आपने अपने घर के पालतू कुत्ते को टिका लगवाया है तो फिर इसकी संभावना कम है। मगर फिर भी अगर आपके कुत्ते का दांत लग जाए या फिर स्क्रैच कर दे तो उसके बाद तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और डॉक्टर के निर्देशानुसार टीका लगवाना चाहिए।
कुत्ता काटने के 24 घंटे के अंदर ही इंजेक्शन लगवाना बहुत जरूरी होता है। हालांकि, आमतौर पर इसके पांच इंजेक्शन लगते हैं। पहले इंजेक्शन लगने के तीसरे दिन दूसरा इंजेक्शन लगता है फिर सातवें दिन इंजेक्शन लगता है और उसके बाद 14वें दिन और लास्ट में 28 में दिन इंजेक्शन लगना जरूरी है।
एक से तीन महीने के आसपास आपको रेबीज के लक्षण दिखने लगते हैं। इसमें शरीर की मांसपेशियों में दर्द, बुखार, सिर दर्द, मांसपेशियों में ऐंठन, मानसिक संतुलन का बिगड़ना जैसे लक्षण शामिल हैं।
अगर रैबीज से संक्रमित कुत्ता हमें काट ले तो रेबीज हो सकता है मगर आजकल लोग अपने पालतू कुत्तों को इसका टीका पहले से लगवा देते हैं जिससे इसकी संभावना कम रहती है मगर फिर भी आवारा कुत्तों में यह संभावना जताई जा सकती है कि उन्हें रेबीज हो सकता है, इसलिए किसी भी प्रकार की लापरवाही ना बरतें क्योंकि यह आपको नहीं पता कि किसी कुत्ते में रेबीज है या नहीं इसलिए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।