

कोलकाता - कोलकाता स्थित भारतीय सेना की पूर्वी कमान के मुख्यालय फोर्ट विलियम का नाम बदलकर 'विजय दुर्ग' कर दिया गया है। एक अधिकारी ने कहा कि आंतरिक रूप से लिए गए निर्णय में सेना ने शहर के मध्य में स्थित विशाल परिसर के अंदर कुछ ऐतिहासिक इमारतों के भी नाम बदल दिए हैं।
इसके साथ ही रक्षा अधिकारी ने कहा कि हम धीरे-धीरे औपनिवेशिक विरासत से अलग हो रहे हैं। अधिकारी ने बताया कि सेना ने सेंट जॉर्ज गेट का नाम बदलकर शिवाजी द्वार कर दिया है। उन्होंने बताया कि किले के अंदर स्थित कुछ ऐतिहासिक इमारतों का नाम बदलने का फैसला नवंबर में लिया गया था।
रक्षा अधिकारी ने कहा कि, ‘‘हमने किचनर हाउस का नाम बदलकर मानेकशॉ हाउस रख दिया है।’’ फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान सेना प्रमुख थे। इस युद्ध के नतीजे में बांग्लादेश अस्तित्व में आया। किचनर हाउस का नाम खार्तूम के प्रथम अर्ल एचएच किचनर के नाम पर रखा गया था। इस वजह से इसे भी बदल दिया गया।
रसेल ब्लॉक बना बाघा जतिन ब्लॉक
किले के अंदर रसेल ब्लॉक का नाम बदलकर बाघा जतिन ब्लॉक रख दिया गया है। यह नाम स्वतंत्रता सेनानी जतिन्द्रनाथ मुखर्जी के नाम पर रखा गया है। उन्हें बाघा जतिन के नाम से जाना जाता था। 1915 के समय बालासोर में गोलीबारी के बाद मुखर्जी ब्रिटिश पुलिस की गोलियों से शहीद हो गए थे।
फोर्ट विलियम का इतिहास
फोर्ट विलियम का निर्माण 1781 में ब्रिटिश साम्राज्य के पूर्वी हिस्से और अधिकार के प्रतीक के तौर पर किया गया था। इस किले के अंदर और आसपास की ऐतिहासिक संरचनाओं और भवनों की वजह से इसकी चमक अलग है। इस किले का नाम इंग्लैंड के राजा विलियम तृतीय के नाम पर रखा गया था।
यह किला 170 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैला हुआ है। इसके साथ ही इसमें कई आधुनिक संरचनाएं भी मौजूद हैं। चीन और भारत के बीच 1962 में हुए युद्ध के बाद 1963 में फोर्ट विलियम पूर्वी सेना कमान का मुख्यालय बन गया। इसके पहले पूर्वी कमान का मुख्यालय लखनऊ में था।