Jyeshtha Amavasya 2024 Kab Hai: ज्येष्ठ माह की वट अमावस्या कब है? जानें पूजा मुहूर्त और महत्व

Jyeshtha Amavasya 2024 Kab Hai: ज्येष्ठ माह की वट अमावस्या कब है? जानें पूजा मुहूर्त और महत्व
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कोलकाता : हिन्दू धर्म में अमावस्या तिथि का बहुत महत्व माना जता है। यूं तो अमावस्या तिथि अशुभ होती है, लेकिन इसके बाद भी इस दिन पूजा का विशेष विधान है। पंचांग के अनुसार, साल में कुल 12 अमावस्या तिथियां पड़ती हैं, इन्हीं में से एक है ज्यष्ठ माह की अमावस्या। शास्त्रों में बताया गया है कि ज्यष्ठ माह की अमावस्या के दिन पितृ तर्पण अवश्य करना चाहिए। इससे पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसी कड़ी में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि इस साला कब पड़ रही है ज्येष्ठ अमावस्या जिसे वट अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है और क्या है इ दिन पूजा का मुहूर्त एवं महत्व।]

ज्येष्ठ अमावस्या 2024 कब है?

ज्येष्ठ अमावस्या तिथि का शुभारंभ 5 जून, दिन बुधवार को रात 7 बजकर 54 मिनट पर होगा। वहीं, इसका समापन 6 जून, दिन गुरुवार को शाम 6 बजकर 7 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, इस साल ज्येष्ठ अमावस्या 6 जून को पड़ेगी।

ज्येष्ठ अमावस्या 2024 पूजा मुहूर्त
ज्येष्ठ अमावस्या के दिन पितरों के तर्पण और अखंड पाठ एवं हवन करने के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 30 मिनट से शुरू होगा और इसका समापन दोपहर 2 बजकर 4 मिनट पर होगा। इस पूजा के लिए मुहूर्त लगभग ढाई घंटे तक रहने वाला है।ज्यष्ठ माह शनि देव का भी माना जाता है। ऐसे में ज्येष्ठ अमावस्या के दिन शनिदेव की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 6 जून को शमा 6 बजे से लेकर रात 9 बजकर 49 मिनट रहने वाला है। इस मुहूर्त में शनिदेव की पूजा के साथ ही शनि चालीसा का पाठ भी करें।

ज्येष्ठ अमावस्या 2024 महत्व
ज्येष्ठ अमावस्या के दिन पितृ तर्पण करना बहुत शुभ माना जाता है। इससे पितृ दोष दूर होता है और पितरों की कृपा होती है। इसके अलावा, शनि दोष से भी मुक्ति मिलती है और शनिदेव की कृपा से घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।

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