कोलकाता : आज हम मां दुर्गा के स्कंदमाता स्वरूप की पूजा करेंगे। स्कंदमाता की पूजा करने से व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं और मोक्ष का मार्ग सरल होता है। यह मान्यता है कि सच्चे मन से इनकी भक्ति करने से संतान की प्राप्ति होती है। मां स्कंद को गौरी, महेश्वरी, पार्वती और उमा के नाम से भी जाना जाता है। वे कमल फूल पर विराजमान होती हैं, इसलिए इन्हें पद्मासन देवी भी कहते हैं। उनका वर्णन देवी पुराण और स्कंद पुराण में मिलता है।
स्कंदमाता की पूजा विधि
- स्नान और वस्त्र: ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- आसन बिछाना: पूजा के लिए एक साफ आसन बिछाकर बैठ जाएं।
- प्रतिमा का स्नान: मां की प्रतिमा को गंगाजल से स्नान कराएं।
- कुमकुम और भोग: मां की प्रतिमा पर कुमकुम लगाएं और उन्हें केले और खीर का भोग अर्पित करें।
- आरती और मंत्र: अंत में मां की आरती करें और मंत्रों के द्वारा पूजा को संपन्न करें।