'दरअसल वर्ष 2018 में इस रत्न भंडार की असली चाबियां गायब हो गयी थीं। इसके बाद पुरी प्रशासन ने दो नकली चाबियां बनवाई थीं। हालांकि 14 जुलाई को जब रत्न भंडार खोलने की कोशिश की गयी तो इन चाबियों ने काम ही नहीं किया। इसके बाद समिति के सदस्यों को रत्न भंडार के अंदरूनी कक्ष के तीनों ताले तोड़ने पड़े थे। सेवानिवृत आईएएस अधिकारी जगदीश महंती ने बताया कि उन्होंने बैठक में यह मुद्दा उठाया। हालांकि, उन्होंने कहा कि समिति को सरकार को आपराधिक जांच शुरू करने की सिफारिश करने का अधिकार नहीं है। महंती ने कहा, 'मंदिर प्रशासन सरकार को हमारे संदेह के बारे में बता सकता है।' उन्होंने कहा कि 14 जुलाई को आंतरिक कक्ष के भीतर कुछ बक्से खुले हुए पाए गए थे। अंदरूनी कक्ष में लकड़ी की तीन अलमारियां, एक स्टील की अलमारी, दो लकड़ी के संदूक और एक लोहे का संदूक था। मंदिर प्रशासन के सूत्रों ने बताया कि सिर्फ लकड़ी की एक अलमारी ही बंद मिली। गौरतलब है कि 11 मई को ओडिशा में एक चुनावी रैली के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नकली चाबियों को लेकर पिछली बीजद सरकार पर जमकर निशाना साधा था।मोदी ने सवाल किया था, 'असली चाबियों का गायब होना एक गंभीर मामला है और नकली चाबियों की मौजूदगी और भी चिंताजनक है। क्या नकली चाबियों का इस्तेमाल भगवान के आभूषणों को हड़पने के लिए किया जाता था?'