

नई दिल्ली - भारत ने रतन टाटा के रूप में एक महान व्यक्ति को 2024 के अक्टूबर महीने में खो दिया। रतन टाटा ने अपने पूरे जीवन में लोगों की मदद की। इस वजह से अब उनके ना होते हुए भी आए दिन उनकी चर्चा होती रहती है। रतन टाटा का निधन 9 अक्टूबर 2024 को हुआ था। उनके निधन के बाद लगातार सवाल उठते रहे हैं कि उनके बाद उनकी संपत्ति किसे मिलेगी ?
एक रिपोर्ट के माध्यम से एक ''मिस्ट्री-मैन' का नाम सामने आया है। इस व्यक्ति को रतन टाटा की संपत्ति में करीब 500 करोड़ की हिस्सेदारी मिल सकती है। इस रिपोर्ट में बताया गया कि रतन टाटा ने अपनी 500 करोड़ की संपत्ति मोहिनी मोहन दत्ता के नाम की है। मोहिनी मोहन दत्ता रतन टाटा और उनके परिवार वालों के करीबी माने जाते हैं।
रतन टाटा द्वारा बनवाई गई वसीयत में मोहन दत्ता का नाम उनके उत्तराधिकारी के रूप में दिया गया है। यह 500 करोड़ की संपत्ति मोहन दत्ता को प्रोबेट से गुजरने और उच्च न्यायालय द्वारा प्रमाणित होने के बाद ही दी जाएगी। इस काम में करीब छह महीने का वक्त लग सकता है।
कौन है मोहिनी मोहन दत्ता ?
मोहिनी मोहन दत्ता एक उद्यमी हैं । वह स्टैलियन कंपनी के सह मालिक हैं। स्टैलियन वर्तमान में टाटा सर्विसेज का हिस्सा बन गया है। जब स्टैलियन का विलय टाटा सर्विसेज में हुआ उससे पहले मोहिनी मोहन दत्ता के पास कंपनी की 80% की हिस्सेदारी थी। रतन टाटा के अंतिम संस्कार के समय मोहिनी मोहन दत्ता ने यह खुलासा किया था कि वह और रतन टाटा एक दूसरे को सालों से जानते हैं।
उन्होंने बताया कि वह दोनों पहली बार जमशेदपुर में डीलर्स हॉस्टल में मिले थे। उस वक्त उनकी उम्र महज 24 वर्ष थी। रतन टाटा की वसीयत में उनका नाम आने के बाद कई लोगों ने उनके बारे में जाना वरना उससे पहले उन्हें ज्यादा कोई नहीं जानता था।
रतन टाटा ने सबका ध्यान रखा
रतन टाटा की मृत्यु के लगभग दो सप्ताह बाद उनकी वसीयत को सार्वजनिक किया गया था। इसमें उनके भाई, सौतेली बहनों, उनके समर्पित घरेलू कर्मचारियों और उनके कार्यकारी सहायक शांतनु नायडू सहित कई लोगों का नाम सामने आया था। रतन टाटा ने अपने पालतू कुत्ते टीटो की असीमित देखभाल करने के लिए भी कई प्रावधान किए थे।