Women Candidates in Delhi Election: दिल्ली चुनाव से पहले जानें इन पांच महिला उम्मीदवारों की कहानी

आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और बीजेपी की दमदार महिला उम्मीदवारों पर नजर
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कोलकाता: 5 फरवरी को दिल्ली की सभी 70 विधानसभा सीटों पर मतदान होना है। इस विधानसभा चुनाव में लगभग 699 उम्मीदवारों की किस्मत दांव पर लगी हुई है। इनमें 96 उम्मीदवार महिला भी हैं। दिल्ली के इतिहास में अब तक तीन महिला मुख्यमंत्री रह चुकी हैं एक सुषमा स्वराज, दूसरी शीला दीक्षित और तीसरी वर्तमान मुख्यमंत्री आतिशी।

वैसे इस बार के चुनाव में आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और बीजेपी ने दमदार महिला चेहरों को मैदान में उतारा है। जिसमें सबसे बड़ा नाम आतिशी, अलका लांबा, शिखा राय हैं। चलिए, अब थोड़ा विस्तार से जानते हैं इस महिला उम्मीदवारों के बारे में...

आतिशी

आम आदमी पार्टी के संयोजक व दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जेल जाने के बाद दिल्ली की बागडोर संभालने वाली आतिशी इस बार आम आदमी पार्टी की ओर सबसे प्रमुख महिला चेहरा हैं। हालांकि, सीएम बनने से पहले भी आतिशी दिल्ली में आम आदमी पार्टी का मुख्य चेहरा रही हैं। वो आम आदमी पार्टी के स्थापना के समय से पार्टी से जुड़ी हुई हैं। दरअसल केजरीवाल की पार्टी आज जिस शिक्षा मॉडल का जोर शोर से पूरे भारत में प्रचार करते फिरते हैं उसमें सबसे बड़ा योगदान मनीष सिसोदिया के साथ-साथ आतिशी को भी जाता है।

हालांकि, 2013 और 2015 में विधानसभा के दौरान पार्टी की ओर से कोई टिकट नहीं दिया गया था लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में आतिशी को बीजेपी के उम्मीदवार गौतम गंभीर के खिलाफ पूर्वी दिल्ली से मैदान में उतारा गया था। उस चुनाव में गौतम गंभीर ने आतिशी को 4.77 लाख वोटों के अंतर से हरा दिया था। इस चुनाव में आतिशी तीसरे नंबर पर आई थी ।

इसके बाद 2020 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने कालकाजी सीट से आतिशी को उम्मीदवार बनाया और वे 11 हजार वोटों के अंतर से बीजेपी उम्मीदवार धर्मबीर सिंह को हराकर पहली बार विधायक बनीं। इसके बाद शराब घोटाले में सतेंद्र जैन और मनीष सिसोदिया के जेल जाने के बाद आतिशी का दबदबा पार्टी में बढ़ गया और मार्च, 2023 में उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिल गया। फिर सितंबर, 2024 में उन्हें दिल्ली की सीएम बना दिया गया। पार्टी ने उन्हें एक बार फिर से दिल्ली की कालकाजी सीट से चुनाव में उतारा है। जहां उनका मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के दो दिग्गज नेता अलका लांबा और रमेश बिधूड़ी से है।

अलका लांबा

अलका लांबा वैसे तो लंबे समय से राजनीति में हैं। कभी आम आदमी पार्टी के बड़े नेताओं में शुमार रहीं अलका लांबा आज ऑल इंडिया महिला कांग्रेस की अध्यक्ष हैं। कांग्रेस ने उन्हें दिल्ली के कालकाजी से आतिशी के खिलाफ उम्मीदवार बनाया है। वो 1995 में दिल्ली यूनिवर्सिटी की अध्यक्ष चुनी गई थीं। इसके बाद 1997 में अलका लांबा एनएसयूआई (NSUI) की राष्ट्रीय अध्यक्ष बनीं।

अलका लांबा 2003 में दिल्ली की मोती नगर विधानसभा सीट लड़ी थीं लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद 2014 में केजरीवाल से प्रभावित होकर कांग्रेस छोड़ आम आदमी पार्टी में चली गईं। इसके बाद 2015 में चांदनी चौक से विधायक बनीं। लेकिन, 2019 के लोकसभा चुनाव के ठीक पहले उन्होंने आम आदमी पार्टी छोड़ कांग्रेस में वापस चली गईं।

शिखा राय

बीजेपी की तेजतर्रार और मुखर नेताओं के रूप में पहचान रखने वाली शिखा राय इस विधानसभा चुनाव में बीजेपी का मुख्य महिला चेहरा हैं। शिखा राय पेशे से वकील हैं। बीजेपी ने उन्हें ग्रेटर कैलाश विधानसभा सीट से दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज के खिलाफ उतारा है। दरअसल 2020 के विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी ने ग्रेटर कैलाश सीट से सौरभ भारद्वाज के खिलाफ उन्हें उतारा था लेकिन तब शिखा राय को करीब 17 हजार वोट से हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद 2023 में बीजेपी ने एमसीडी मेयर इलेक्शन के लिए शिखा राय को उम्मीदवार बनाया था। हालांकि, तब भी लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

राखी बिड़लान

आम आदमी पार्टी में आतिशी के बाद दूसरा सबसे बड़ा महिला चेहरा राखी बिड़लान का है। पार्टी के नजर से देखें तो राखी इतना महत्वपूर्ण चेहरा है कि पार्टी ने उन्हें पहली सरकार में कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया था। वहीं साल 2016 में उन्हें दिल्ली विधानसभा में डिप्टी स्पीकर चुना गया था। वैसे उनके चुनावी सफर की बात करें तो राखी बिड़लान 2013 में मंगोलपुरी विधानसभा सीट से जीतकर पहली सरकार में कैबिनेट मंत्री बन गईं थी।

हालांकि, 2014 के पार्टी ने उन्हें उत्तर पश्चिमी दिल्ली से लोकसभा चुनाव में उतारा, जहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद 2015 में एक बार फिर से मंगोलपुरी से विधानसभा चुनाव जीतने में कामयाब रहीं। इसके अलावा 2020 में भी राखी बिड़लान तीसरी बार मंगोलपुरी विधानसभा सीट से विधायक चुनी गईं। लेकिन, इस चुनाव में राखी बिड़लान की सीट बदल गई है और वो मंगोलपुरी के बजाए मादीपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रही हैं।

अरीबा खान

जहां इस विधानसभा चुनाव में आदमी पार्टी और बीजेपी के बड़े चेहरे हैं तो कांग्रेस ने एक तेज तर्रार बोलने वाली 31 वर्षीय युवा महिला अरीबा खान पर दांव लगाया है। अरीबा कांग्रेस नेता आसिफ मोहम्मद खान की बेटी हैं। आसिफ मोहम्मद दो बार ओखला विधानसभा सीट से विधायक रहे हैं। जबकि 2022 में अरीबा पहली बार पार्षद चुनी गईं थी। वैसे अरीबा का सामना आम आदमी पार्टी नेता अमानतुल्लाह खान से है।

बीते दिन ही अरीबा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है जिसमें अरीबा ये कहती दिख रही हैं कि आप लोग 10 सालों से क्षेत्र की कई गंभीर समस्याओं को फेस कर रहे हैं। विकास के मसले पर प्रशासन की ज्यादती हो या केजरीवाल सरकार की बेरुखी, मैं, इस क्षेत्र की हर तकलीफ से रूबरू हूं। आज मैं आप लोगों वादा करती हूं कि आपकी हर परेशानी को दूर करने का प्रयास करूंगी। मैं, एक ऐसे आदमी की बेटी हूं जिसने हमेशा आपकी रहनुमाई की।

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